हरे राम रे हरे राम रे,
ये कैसा प्यारा नाम है,
हरे राम रे हरे राम रे,
कोश्याला माँ का तारा है,
रघुकुल का ये उजियारा है,
कण कण में ये हर शन में,
ये व्यापक सुभो शाम है,
हरे राम रे हरे राम रे.....
दरशरथ नंदनंदन हितकारी की,
जय बोलो अवध बिहारी की,
ये केवट की नौका तारे,
अध्भुत इसका हर काम है,
हरे राम रे हरे राम रे,
इस नाम से पत्थर तर जाए,
सब बिगड़े काज सवर जाये,
ये शबरी के बेरो को चखे,
कुटियाँ में किया विश्राम है,
हरे राम रे हरे राम रे,