तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी बनाने आया हु,
जो बात किसी से बन न सकी,
वो बात बनाने आया हु,
तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी बनाने आया हु,
माँ बाप ने मुझको जन्म दिया पर ज्ञान मिला इन चरणों में,
शिक्षक ने मुझको दी शिक्षा वरदान मिला इन चरणों में,.
अब ज्ञान की बिक्शा से अपनी झोली भरवाने आया हु,
तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी बनाने आया हु,
इस जग की मुझको फ़िक्र नहीं,
चिंता है गुरु जी आगे की,
जो तोड़े से भी ना टूटे मुझको खोज है ऐसे धागे की,
ये ही करके सोच विचार यहाँ धागा बंधवाने आया हु,
तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी बनाने आया हु,
दुनिया की माया नगरी में कोई चीज मुझे अब भाति नहीं,
दिन बेचैनी में कट ता है रातो को नींद भी आति नहीं,
इस उल्जी हुई पहेली को मैं तो सुलझाने आया हु,
जो बात किसी से बन न सकी,
वो बात बनाने आया हु,
तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी बनाने आया हु,