मेरे घर आइये श्याम
सेठां बरगा ना ठाठ मेरे घर आइये श्याम
मेरी छोटी सी स झुपड़ी,रे कदे आइये श्याम
मन का सयुं भोला भाला,ना जानू मैं छप्पन भोग
खाऊं सुं रोट राबड़ी,बाबा तेरी खुब स मौज
ना करता कोई दिखावा,करता कोई दिखावा
मेरे घर आइये श्याम
मेरी छोटी सी स झुपड़ी,रे कदे आइये श्याम
तन्ने बाण पड़ी एसी की,रे म्हारे पंखा हाथ आला
तूँ ना घबराइए बाबा,तेरे चढ़जा फेर भी पाला
तेरे खातर खाट बिछाऊ,जाजम तकिया लगवाऊं
मेरे घर आइये श्याम
मेरी छोटी सी स झुपड़ी,रे कदे आइये श्याम
महलां के देखे बाबा,तन्ने ठाठ भथेरे स
कदे देख सेवा तूं आके,म्हारे मन की कहरे स
बुरा में घी मिलवाऊं,हाथां त तन्ने जिमाऊं
इक बर खाइए श्याम
मेरी छोटी सी स झुपड़ी,रे कदे आइये श्याम
ना कमी रहन दयूं कोय,हाज़र सुं मैं तेरे खातर
तेरा तुलसी हुक्म बजावे,तूँ आके कदे हुक्म कर
भुल्ले ना या खातरदारी,तन्ने याद आवेगी भारी
मेरे घर आइये श्याम
मेरी छोटी सी स झुपड़ी,रे कदे आइये श्याम
लेखक :- रोशन स्वामी'तुलसी"
9887339360-9610473172