दर्शन दो गुरु जी मेरी अखियां प्यासी रे,
मेरी अखियां प्यासी रे,
मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी न दिखे सूरत तेरी,
युग बीते न आयी मिलन की पूरनमाशी रे,
दर्शन दो गुरु जी मेरी अखियां प्यासी रे,
पानी पी कर प्यास भुजाओ नैन को कैसे समजाऊ,
आँख मचोली छोड़ो अब तो मन की बाती रे,
दर्शन दो गुरु जी मेरी अखियां प्यासी रे,
मेरी अखियां प्यासी रे,