श्याम जब से साथी बना संकट से अब हम न डरते है,
हम तो श्याम के भरोसे चलते है,.
इनकी ही रेहमत से परिवार हम सब के पलते है,
हम तो श्याम के भरोसे चलते है,.
श्याम का है सहारा वरना क्या है हमारा,
लाख गहरी हो नदियां श्याम देगा किनारा,
मन में विश्वाश है ये मेरे साथ है लेहरो की फिर भला क्या औकात है,
तूफानों में दीपक इनकी किरपा से जलते है,
हम तो श्याम के भरोसे चलते है,.
दुनिया चाहे सताए अपने चाहे रुलाये,
घाव मुझको क्या देंगे श्याम मरहम जो लगाये,
काँटों की राह पर फूल विश जायेगे महके गाये चमन दिन बदल जायेगे,
आंखे जो फेरे थे मिलने को अब तरसते है,
हम तो श्याम के भरोसे चलते है,.
तुझसे दिल जो लगाया हम ने धोखा न खाया,
ऊँगली तुमने पकड़ कर चलना हम को सिखाया,
जैसे उगती सूरज को न मश्कार है वैसे ही अब मेरा तू संसार है,
चमके वही दुनिया में जिसपे किरपा ये करते है,
हम तो श्याम के भरोसे चलते है,......