मुझे अपने ही रंग में तूँ रंग साँवरे
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मैं तो, नाचूँगी, तेरे ही, संग साँवरे ॥
मुझे, अपने ही, रंग में, तूँ रंग साँवरे ॥
मैं तो, नाचूँगी, तेरे ही...
जग, वालों ने, बहुत नचाई ॥
फिर भी, किसी के, मन को ना भाई ॥
यह, दुनियाँ तो, हुई मुझसे, तंग साँवरे ॥
मुझे, अपने ही, रंग में, तूँ रंग साँवरे x॥
तेरे, नाम की, ओढ़ी चुनरिया ।
तेरे, दर की, बनी रे जोगनिया ॥
तेरी, मस्ती की, चढ़ गई, भंग साँवरे ॥
मुझे, अपने ही, रंग में, तूँ रंग साँवरे x॥
इस, दुनियाँ की, प्रीत भुलाई ।
श्याम, नाम की, ज्योत जलाई ॥
मैंने, अपनों से, की है, जंग सांवरे ॥
मुझे, अपने ही, रंग में, तूँ रंग साँवरे x॥
बैरन, बन गई, साँवरी सुरतिया ।
सौतन, बन गई, तेरी मुरलिया ॥
यहाँ, देखूं मैं, तेरा ही, रंग साँवरे ॥
मुझे, अपने ही, रंग में, तूँ रंग साँवरे x॥
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल