दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी

तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी,
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ,
दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी ,

यही सुना है दीनबन्धु तुम सबका दुख हर लेते,
जो निराश हैं उनकी झोली आशा से भर देते ,
अगर सुदामा होता मैं तो दौड़ द्वारका आता ,
पाँव आँसुओं से धो कर मैं मन की आग बुझाता,
तुम बनो नहीं अनजान, सुनो भगवान, करो मत देरी,
दुख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ,

जो भी शरण तुम्हारी आता, उसको धीर बंधाते,
नहीं डूबने देते दाता, नैया पार लगाते ,
तुम न सुनोगे तो किसको मैं अपनी व्यथा सुनाऊँ,
द्वार तुम्हारा छोड़ के भगवन और कहाँ मैं जाऊँ,
प्रभु कब से रहा पुकार, मैं तेरे द्वार, करो मत देरी,
दुख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ,
श्रेणी
download bhajan lyrics (788 downloads)