श्याम बाबा महान किया शीश का दान,
मुरली वाला भी इनका ऋणी हो गया,
ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तरीक,
नाम दुनिया में इनका अमर हो गया,
माँ से कहने लगे युद देखु गा,
देख के अब तो परिणाम लौटू गा,
बोली माँ सुन इधर बोलेगा तू किधर,
माँ ने पूछा ऐसा वचन दे दिया,
जो भी हारे गा उसको सहारा बनु,
इस वचन से कभी भी न पीछे हटु,
बोले कृष्ण भगवन तेरा सच्चा बलिदान,
तेरी भगति से मैं तो प्र्सन हो गया,
कृष्ण ने दिया नाम प्रभु कहलाये श्याम.
ये विराजे यहाँ उसका खाटू है धाम,
इन्हे पूजे यहां सब को देते वरदान,
इनकी भगति में सारा यहां खो गया,
श्याम बाबा महान किया शीश का दान