तुझे अपना जान के बाबा मैं तेरे दर पर आऊं
गर तुम ना साथ दिए तो फिर और कहाँ मैं जाऊं
तुझे अपना जान के बाबा .................
मैं भी तो सुनकर आया बाबा चौखट पर तेरी
हम भक्तों की किस्मत को तुमने एक पल में फेरी
अब हाथ पकड़ लो मेरा बिन तेरे चल ना पाऊं
गर तुम ना साथ दिए तो फिर और कहाँ मैं जाऊं
तुझे अपना जान के बाबा .................
जब मैं दुनिया से हारा दर दर की ठोकर खाई
एक आस थी मेरे मन में कर लोगे तुम सुनवाई
फिर तेरे रहते बाबा दुनिया से हार ना जाऊं
गर तुम ना साथ दिए तो फिर और कहाँ मैं जाऊं
तुझे अपना जान के बाबा .................
नादानो से होती है नादानी मेरे दाता
ये सुरेश राजस्थानी बस तेरे ही दर आता
अब तू ही बता दे बाबा दर छोड़ कहाँ मैं जाऊं
गर तुम ना साथ दिए तो फिर और कहाँ मैं जाऊं
तुझे अपना जान के बाबा .................