साँवरे छप्पर फाड़ दिये दिए

जीवन में  दुखो के कांटे सभी उखाड़ दिए,
जब देने पे आया साँवरे छप्पर फाड़ दिये दिए,

दौलत सोहरत भी दे दी जग में इज्जत मान दिया,
खुशियों से मेहका घर आंगन इतना जयदा प्यार दिया,
कोठी बंगले बैंक बैलेंस और महंगे मोटर कार दिए,
जब देने पे आया साँवरे छप्पर फाड़ दिये दिए,

सर पे हाथ है बाबा का बन जाता हर काम मेरा,
करता है सब सेठ संवारा हो जाता है नाम मेरा,
श्याम की किरपा बरस रही है ऐसे कारोबार दिए,
जब देने पे आया साँवरे छप्पर फाड़ दिये दिए,

खाटू का ये श्याम धनि लखदातार है कहलाये,
कहे रवि निर्धन के घर भी हीरे मोती बरसाए,
सच्ची शरधा रखने वाले लाखो करोड़ो,
जब देने पे आया साँवरे छप्पर फाड़ दिये दिए,

जितना दिया सावरिया ने उतनी मेरी औकात नहीं,
ये तो कर्म मेरे बाबा का मुझमे ऐसी बात नहीं,
बबर की झोली भर धीरे सब सपने साकार किये,
जब देने पे आया साँवरे छप्पर फाड़ दिये दिए,
download bhajan lyrics (946 downloads)