बात ये गले से उतर ती नही

झुंझुन में बिगड़ी सवर ती नहीं,
बात ये गले से उतर ती नहीं,

दर पे यो इसके सुनाई न होती,
बिगड़ी जो इसने बनाई होती,
चौकठ पे दुनिया पसर ती नहीं,
बात ये गळे से उतर ती नहीं,

लाखो का जीवन सवारा न होता,
फ़ोकट में पूजना गवारा न होता,
पत्थर पे यु ही चांदी जड़ ती नहीं,
बात ये गले से ुटर ती नहीं,

झुंझुनू में आनदं अगर न बरसता,
वनवारी जाने को दिल न तरस ता,
मूरति पे चुनड़ी यही चढ़ती नहीं,
बात ये गले से उतर ती ही,
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