आज दादी जी से केहदो अपने दिल की बात,
किस्मत वालो को मिलती है ये कीर्तन की रात,
आज दादी जी से केहदो अपने दिल की बात
प्रेम की भाषा को मेरी झुँझन वाली ही जाने,
अपने भगतो के दर्द को बस मेरी माँ की पहचाने,
इन से आज छुपाओ न तुम अपने हालत,
किस्मत वालो को मिलती है ये कीर्तन की रात,
भावना की भूखी दादी भाव से रीज जाती है,
प्रेम के बंधन की डोरी से मैया खींची आती है,
दादी के दरबार में होती करुणा की बरसात,
किस्मत वालो को मिलती है ये कीर्तन की रात,
तेरे विश्वाश को दादी कभी न टूटने देगी,
पुहंचकर आँखों से आंसू तुझसे दिल से लगा लेगी,
बिन्नू अपने जीवन में पाई है हर सौगात,
किस्मत वालो को मिलती है ये कीर्तन की रात,