माई थारी ज्योत सवाई ए
दादी थारी ज्योत सवाई ए,
कोई बैठी मंदिर माहि करो,
भगता की सुनाई ए ,
माई थारी ज्योत सवाई ए
दूर दूर से यात्री आवे था सु करे पुकार,
चिंता चरो हरो पीड़ा ने दोनियो हाथ पसार,
खड़ा सब लोक लुगाई,
कोई बैठी मंदिर माहि करो,
भगता की सुनाई ए ,
माई थारी ज्योत सवाई ए
गांव झुंझुनू में सति दादी सजो तेरो दरबार,
मैं भी तेरी दास भवानी करू तेरी मनुहार,
करू मेरे मन की चाहिए,
कोई बैठी मंदिर माहि करो,
भगता की सुनाई ए ,
माई थारी ज्योत सवाई ए
भीड़ पड़ी भगता रे ऊपर जद तू कीह्नी मेहर,
मेरी बरियाँ आज लगाई कइयाँ इतनी देर,
मेरे तो ईब ना ही समाई ए,
कोई बैठी मंदिर माहि करो,
भगता की सुनाई ए ,
माई थारी ज्योत सवाई ए