सुन दादी सुन दादी मनोहार लाई हु
दूर सु माँ चाल के दरबार आई हु
यु तो मेरो थे सविकारो मेरे घर में आन पधारो
लाडो की सुनी सुनी कुट्टिया ने माँ आज सवारों
चरना में मैं पुकार लाई हु
दूर सु माँ चाल के दरबार आई हु
घर में थारे आने सु माँ दुःख संकट मेरा कटजा सी
थारे चरना की धूलि सु बिगड़ा काम मेरा बन जा सी
अर्जी ले थारे द्वार आई हु
दूर सु माँ चाल के दरबार आई हु
पग पे रा सु थारे दादी मेरी भी किस्मत खुल जावे
हर्ष मेरी अटक्यो गाडी बिन धक्के ही हिमाचल जावे
आजा माँ आजा माँ गनों प्यार ल्याई हु
दूर सु माँ चाल के दरबार आई हु