मेरा अवगुण भरया शरीर गुरु जी मुझे कैसे तारो गे,
कैसे तारो गे गुरु जी कैसे तारो गे,
मेरा अवगुण भरया शरीर गुरु जी मुझे कैसे तारो गे,
राम नाम मैं रट न सक्या सत्संग भी मैं कर न सक्या,
ऐसी है तकदीर गुरु जी कैसे तारो गे,
मेरा अवगुण भरया शरीर गुरु जी मुझे कैसे तारो गे,
दान पूण मैं कर ना पाया,
ना कोई तीरथ नहा के आया,
पापो की तस्वीर प्रभु की कैसे तारो गे,
मेरा अवगुण भरया शरीर गुरु जी मुझे कैसे तारो गे,
ना कोई पूजा पाठ समाधि जन्म जन्म का हु अपराधी,
मेरी दलिया खीर प्रभु जी कैसे तारो गे,
मेरा अवगुण भरया शरीर गुरु जी मुझे कैसे तारो गे,
गुरु शरण में जो भी आवे,
सोही अमित जीवन फल पावे,
कह गये संत कबीर प्रभु जी कैसे तारो गे,
मेरा अवगुण भरया शरीर गुरु जी मुझे कैसे तारो गे,