बिन बोल्या सब किछ जांदा,
किस आगे कीजिये अरदास,
बबिहा सगळी धरती जे फिरेह,
उड़ चढ़े आकाश,
बिन बोल्या.....
सतगुरु मिलिए जल पाइये,
चूके भूख प्यास,
बिन बोल्या .......
जियो पिंड सब तिस का,
सब किछ तिस कै पास,
बिन बोल्या.....
नानक घट-घट एको वरतदा,
शब्द करै प्रगास,
बिन बोल्या......
वाहेगुरु, वाहेगुरु,
सौरभ सोनी
सरिया, गिरिडीह
झारखंड
8210062078