रट ले हरी का नाम रे वैरी,
सब छोड़ दे उलटे काम रे,
वैरी रट ले हरी का नाम,
जिस दौलत पर तुझे है भरोसा,
जाने कब तुझे दे जाए धोखा,
ये लूट जाए शरेआम रे,
वैरी रट ले हरी का नाम,
देख क्यों हस्ता सुन्दर काया,
चिता बीच जब जायेगा जलाया,
तेरा मास रहे गा चाम रे,
वैरी रट ले हरी का नाम,
पाप करे और गंगा नहाये,
इस से तू अपने पाप छुपाये,
तेरे होगा बुरा अंजाम रे,
वैरी रट ले हरी का नाम,