खाटू के बाबा श्याम जी मेरी रखो गे लाज,
मीरा के घनश्याम जी मेरी रखोगे लाज,
एक भरोसो थारो है तू ही पथरखन हारो है,
छोटो सो मेरो काम जी मेरी रखोगे लाज,
मेरी सुनो सवाल सा मेरी धीर बंदावो करो न देरी,
दुःख हरता थारो नाम जी,मेरी रखोगे लाज,
भीख दया की कब दोगे,मेरी सुध प्रभु कब लोगे,
पुजू मैं थारा पाँव जी मेरी रखो गे लाज,
काशी चलना को चेरो,जीवन सफल बना मेरो,
था बिन किट आराम जी मेरी रखोगे लाज,