दादी जी तेरे द्वार पे रानी सती दादी भजन

कद से खड़ा म्हे मांगनियाँ दादी जी तेरे द्वार पे
झोली पसार के..झोली पसार के..

और कोई के आगे म्हारी झोली ना फैलावां म्हे
तेरे पर ही जोर है जद ही मांगन ताईं आवा म्हे
तेरे से तो भीख भी दादी माँगा म्हे अधिकार से
झोली पसार के..झोली पसार के..

तेरे सै के छिप्यो है मइया
घट घट की तू जाने है
तू जो देवे है बिसै ही खर्चो म्हारो चाले है
बिना लिया म्हे कैंयां जावा तेरे इ दरबार सै
झोली पसार के..झोली पसार के..

कमी है क्या की तेरे मइया जो तू देर लगावे है
तू ही सबसे बड़ी सेठानी दुनिया की कहलावे है
जल्दी से मेरी झोली भरदे अर्जी ने स्वीकार के
झोली पसार के..झोली पसार के..

बिना लिए जो तेरे दर से मइया पाछा जावांगा
घरवाला पूछन लाग्या तो कैयां म्हे समझावँगा
सोनू कवे जो देणो दे दे इब तो सोच विचार के
झोली पसार के..झोली पसार के..

कद से खड़ा मैं मांगनियाँ दादी जी तेरे द्वार पे
झोली पसार के..झोली पसार के..

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