आज तुम्हरा उस्तव मियां खूब सजा शृंगार है

आज तुम्हरा उस्तव मियां खूब सजा शृंगार है,
आओ दादी भोग लगाओ छपन भोग तयारी है.

बर्फी पैदा और कलाकंद लड्डू मोती चूर है,
दिल्ली शहर का सोहनी हलवा मैया बड़ा मशहूर है,
गाजर हलवा कानपुर का खाने में मजे दार है,
आओ दादी भोग लगाओ छपन भोग तयारी है.

खीर जलेभी और अमृत पान मलाई वाला,
रबड़ी है केसरियां मियां दूध कढ़ाइए वाला,
कलकत्ते का रसगुल्ला माँ मेवे की भरमार है,
आओ दादी भोग लगाओ छपन भोग तयारी है.

बीकानेर का भुजिया तुझे दाल चर्चरी लागि,
तबियत खुश हो जावे गई जय पुर की कचोरी खा के,
बम्बई की पानी या पूरी अगर तुमको स्वीकार है,
आओ दादी भोग लगाओ छपन भोग तयारी है.

जीमो मियां जीमो  कुछ कमी रहो तो बतलाना,
वनवारी कोई गलती हो तो हम से रूठ न जाना,
है जो कुछ चरणों में रखा कह दो स्वीकार है,
आओ दादी भोग लगाओ छपन भोग तयारी है.
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