शिव के लाला दीं दयाला,
गौरा पुत्र गणेश काटो सकल कलेश,
सबसे पहले हो थारी पूजा जी,
थारे नहीं बराबर नहीं कोई दूजा जी,
गावे ब्रह्मा विष्णु महेश काटो सकल कलेश,
रिद्धि सिध्दि के दायक गणपति जी,
सब देवो के नायक गणपति जी,
था कितना सुन्दर बेश काटो सकल कलेश,
गौरा पुत्र गणेश काटो सकल कलेश,
जो शरण तुम्हारे आता है,
वह चार पदार्थ पाता है,
तुम्हे धयावे शरधा शेष काटो सकल कलेश,
गौरा पुत्र गणेश काटो सकल कलेश
थारी महिमा आवे न वर्णन में,
खड़ा भगत राम थारे चरणन में,
हमे दर्शन दीजियो हमेश काटो सकल कलेश,
गौरा पुत्र गणेश काटो सकल कलेश