जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
सूख देने वाले विध्नहर को हरपहर करता हु नमन,
गणपति की भक्ति में न्यौछावर मेरातन मन औऱ धन.....
हर किसीसे प्रेम कर लो,
जाने कब मिल जाये प्रभु किसके भेष….
जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश...
ज्ञान देने वाले विद्याधर जी, सब को सन्मति दीजिए,
हम सब है ठहरे अज्ञानी, सब पर अपनी कृपा कीजिए.....
हर कोई मिल जुलकर रहे,
है गजनना, सुख शांति का दीजिये आशीष.....
जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश.....