कन्हैया तेरो कारो री केसे ब्याहु राधै,
तेरो कन्हैया ऐसो कारो ,जैसे निश अंधियारी,
मेरी राधा ऐसी गोरी नवलख तारा बिच चन्द्र को उजारो री,
कारें आप कारे सघं वारे ,ओढ़े कम्बल कारो,
लूट लूट दधि माखन खावें, कैसे कर होगो मेरी राधै को गुजारो री,
कारो कारो मत कर गुजरी, कारो जग उजियारो,
नाग नाथ रेती बिच डारो, मारी फूफकार बदन भयो कारो री,
चन्द्रसखी ब्रज बाल क्रष्ण छबी, सब सखीयन को प्यारो,
या कारे काना के उपर, तेरी सी राधा गोरी लाखन उवारो री,
कैसे ब्याहु राधै .....