रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ
अपने इस सेवक पर इतना ना ज़ुलम करो
कमज़ोर बड़ा हूँ मैं थोड़ा तो रहम करो
कैसे अब क्या मैं करूँ कुछ समझ ना पाता हूँ
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ
करके कोशिश लाखों आखिर मैं हार गया
दुनिया पूछे मुझसे कहाँ तेरा यार गया
आने वाला है तू दिल को समझाता हूँ
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ
उल्फत में छोड़ दिया तुमने क्यों साथ मेरा
क्या तरस नहीं आया यूँ देख के हाल मेरा
माधव तेरे चरणों में दुःख अपने सुनाता हूँ
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ