उड़ूँ आसमान में माँ बन के पतंग तेरी,
छोड़ न देना कही डोर तू मेरी,
मिला है सहारा मुझे मैया तेरे प्यार का,
सब कुछ पाया मैंने सुख संसार का,
बरसती रहे मुझपर रेहमत तेरी,
छोड़ न देना कही डोर तू मेरी,
उड़ूँ आसमान में ...
तेरे चरणों की धूल माथे से लगाई माँ,
तेरे नाम की है मन में ज्योत जगाई माँ,
चाहे कुछ भी हो जाए ज्योत न भुजे मेरी,
छोड़ न देना मैया डोर तू मेरी,
उड़ूँ आसमान में ......
गमो की बुरी नजरो से बचाये रखना,
छूट ना जाऊ कही मुझे थामे रखना,
दास अजीत को जरूरत है तेरी ,
छोड़ न देना मैया डोर तू मेरी,
उड़ूँ आसमान में ......