देती है सहारा दुखियो को माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
माँ वैष्णो जग कल्याणी भर्ती है झोली खाली,
देती है सहारा दुखियो को माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
दुःख सब के वो हरती है सब का मंगल करती,
भर्ती सब का भण्डार माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
देती है सहारा दुखियो को माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
श्रद्धा से जो भी जावे वो मन चाहा फल पावे,
संकट से देती तार है माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
देती है सहारा दुखियो को माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
अमृता शरण में आवे श्रदा के पुष्प चढ़ावे,
शिवांशु शरण में आवे बल बुद्धि माँ से पावे ,
सुन लो माँ मेरी पुकार है माँ त्रिकूट पर्वत वाली,
देती है सहारा दुखियो को माँ त्रिकूट पर्वत वाली,