राधा रानी तेरी नौकरी सबसे बढ़िया है सबसे खरी ,
जबसे तेरा गुलाम हो गया,
तब से मेरा भी नाम हो गया हो,
तब से मेरा भी नाम हो गया,
वरना औकात क्या थी मेरी,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी,
राधा रानी तेरी नौकरी.....
खुशनसीबी का ये गुल खिला,
तब कहीं जा कर यह दर मिला,
तब कहीं जाकर यह दर मिला,
हो गई अब तो रहमत तेरी ,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी,
राधा रानी तेरी नौकरी......
मेरी तनख्वाह भी कुछ कम नहीं,
कुछ मिले ना मिले गम नहीं,
कुछ मिले ना मिले गम नहीं,
ऐसी होगी कहां दूसरी ,
सबसे बढ़िया है सबसे खरी,
राधा रानी तेरी नौकरी......
सिंगर भरत कुमार दबथरा