वे श्यामा तेरे दरश दी मारी,
मैं जोगन हो गईया,
वे श्यामा छड के दुनिया सारी,
मैं तेरी हो गईया,
हाथ कड़ताला पैरी झन्जर,
मैं हो गयी फकरा दे वांगर,
वे श्यामा छड के चार दवारी,
मैं बाहर खलो गईया,
वे श्यामा.......
तेरे प्यार विच सुध बुध खोई,
शरमा वाली लाके लोई ,
वे श्यामा लगया रोग अवला,
मैं रोगन हो गईया,
वे श्यामा.......
तेरे दर ते अलख जगाई,
तू ना खैर दरश दी पाई,
वे श्यामा लोकी मैनू कहन्दे,
मैं पागल हो गईया,
वे श्यामा.......