तेरी बंसी के बोल अनमोल.
किस का है कान्हा तू बोल,
गिरधर गोपाला मीरा पुकारे,
राधा कहे आजा रास रचाले,
तू ही दोनों के मन का है चोर,
किस का है कान्हा तू बोल,
मीरा ने तुझको मन में वसाया,
राधा ने प्रेम का रोग लगाया,
तुहि दोने के जीवन का भोर,
किस का है कान्हा तू बोल,
मीरा के घुंगरू राधा के पायल करते है दोनों कान्हा को घायल,
चले दोनों पे ही तेरा जोर,
किस का है कान्हा तू बोल,
विष का प्याला मीरा पी गई होके.
मगन राधा कान्हा की हो गई,
तेरा जादू है कैसा तू बोल,
किस का है कान्हा तू बोल,