झुलो डालो कदम्ब की डार आई सावन की झुला बहार
राणा सग श्री शयाम झुले झुलन चाली सब बज की नारी
हिलमिल झुले राजा मोहन पठ रेशम की है डोरन
हौले हौले पेग बढावे राघा देखौ दिल घमकाने
झोटा देवे बिरज की नारी
झुलो डालयो बज की नार
घनघोर घटा है छाई सावरिया की रितु है आई
घननननन बादल गरजे मेघा देखो खुब बरसे
भिझ गई सब बज की नारी,
झुलो डालयो बज की नार
दादुर मोर कोरिया काली शशीशशी देखे लीला नयारी
रिमझिम रिमझिम मेघा बरसे कुकुर कोयल बोले
नाचे मोर पैदा आज
झुलो डालयो बज की नार
Shashikala parwal
Hyderabad
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