के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
श्याम नाम की डोर पकड़ कर पार उतर गई रे,
विष का प्याला राणा ने भेजियो देओ मीरा ने पिलाये,
कर चरणमत पी गई रे दे जानो गोपाल,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
सर्प पिटारो राणो ने भेजो देयो मीरा ने जाए,
कॉल टिकानों दे किया रे बन गया नो सरकार,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,
प्रेम के वश हो नन्द को लालो भिगो भिगो आयो,
मीरा ने संवलियाँ सेठ अमृत घोल पिलाइयो,
के मीरा ज़हर का प्याला पी गई रे,