बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज,
श्री राम को मनाऊ सु मैं छोड़ के सारे काज,
बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज,
नाच नाच के धरती हिलाऊ मन की सारी बात बताऊ,
छोड़ गई सब लाज,
बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज,
राम नाम ने ऐसी शक्ति जो भी करले उसकी भक्ति,
वो देते मूल और व्याज
बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज,
राम जी ऐसा काम है करते राम नाम से पत्थर तीर गये,
राम मेरा सिर ताज,
बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज,
राम नाम की लेली माला राम से हिरदये में उजाला,
क्यों नैना कर ली आज,
बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज,