बंशी बजाके श्याम ने दीवाना कर दिया,
अपनी निगाहें नाज़ से मस्ताना कर दिया,
जब से दिखाई श्याम ने वो सांवरी सुरतिया,
वो सांवरी सुरतिया वो मोहनी मुरतिया,
खुद बन गये शमा मुझे परवाना कर दिया,
बंशी बजाके श्याम ने दीवाना कर दिया,
बांकी अदा से देखा मन हरन श्याम ने,
मन हरन श्याम ने सखी चित चोर श्याम ने,
इस दिन दुनिया से मुझे बेगाना कर दिया,
बंशी बजा के श्याम ने दीवाना कर दिया,
अपनी निगाहें-नाज़ से मस्ताना कर दिया,