किणु संग खेलूं होली

किणु संग खेलूं होली, पिया तज गए हैं अकेली

माणिक मोती सब हम छोड़े, गल में पहनी सेली
भोजन भवन बलो नहीं लागे, पिया कारण भई रे अकेली,
मुझे दूरी क्यों मेलि, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली...

अब तुम प्रीत अवरसो जोड़ी, हम से करी क्यों पहेली
बहु दिन बीते अजहू आ आये, लगा रही ताला बेली
कीनू दिलमा ये हेली, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली...

श्याम बिना जीयड़ो मुरझावे, जैसे जल बिन बेली
मीरा को प्रभु दर्शन दीजो, मैं तो जनम जनम की चेली
दरश बिना खड़ी दोहेली, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली...
download bhajan lyrics (1627 downloads)