फागणिया की मस्ती में नाचागा गावागा,
होली खेलन बाबा श्याम थारे खाटू आवागा
रंग अमिर गुलाल मंगावा छोटी सी पिचकारी,
था संग होली खेला बाबा सगला बारी बारी,
ना माने तो बाबा थाने आज मनावागा
रे होली.......
घूम घूम कर घुमर घाला ओर बजावा चंग,
मंदरीये में जा के सगला खूब करा हुड़दंग
मंदरीय में जाकर मैं धमाल सुनावागा
रे होली......
ढोलक ढपली चंग बजे है और बजे शहनाई,
श्याम धणी के कीर्तन माही नाचे लोग लुगाई,
नाच नाच कर आज अठे म्हे रंग जमावागा
रे होली.....