मिल गए मुझको तुम साँवरे

अब नहीं और कुछ चाहिए,
मिल गए मुझको तुम साँवरे,
बनके बंजारा भटका बहुत नाम का तेरे मैं वनवारे,
तू मिला दिल खिला प्यार का सिलसिला चल रहा बिन रुके पाँव रे,
अब नहीं और कुछ चाहिए,
मिल गए मुझको तुम साँवरे,

क्या क्या बताऊ मैं क्या क्या सुनाऊ,
मुझे तूने क्या क्या दिया है,
आँखों ने देखे जो सपने सारे उसको तूने पूरा किया है,
अब ना कोई कमी ज़िंदगी में रही मिलती किरपा की जो छाँव रे,
अब नहीं और कुछ चाहिए,
मिल गए मुझको तुम साँवरे,

दिल की तमना मचल ती थी दिल में,
था मजबूर ये दिल हमारा,
सताती नहीं कोई चिंता मुझे अब मिला जब से तेरा सहारा,
है दयालु बड़ा देके मरहम भरे घाव रे,
अब नहीं और कुछ चाहिए,
मिल गए मुझको तुम साँवरे,

आया शरण चूमे तेरे चरण कुंदन ऐसी हुई मेहरबानी,
तकदीर जागी लग्न तुमसे लागि बदल सी गई ज़िंदगानी,
छोड़ कर अब कही मुझको जाना नहीं सँवारे ये तेरा घाव रे,
अब नहीं और कुछ चाहिए,
मिल गए मुझको तुम साँवरे,
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