मैया जी तेरे बेटों को न घर चाहिए न वर चाहिए,
माँ तू चाहिए तेरा दर चाहिए माँ दर चाहिए
माँ इस दर का नौकर बना लीजिए,
माँ सेवा में हमको लगा लीजिए,
माँ भगतों की अरदास है बस यही,
कि चरणों में अपने जगह दीजिए,
न चंदा न सितारों, सा घर चाहिए ,
माँ तू चाहिए......
तेरे चरणों की धूल मिल जाये माँ ,
तो मेरी भी किस्मत संवर जाये माँ,
दया इतनी करना हे जग दातीये,
मुझे दान भक्ति का मिल जाये माँ,
मैया जी तेरे दर पे, बसर चाहिए,
माँ तू चाहिए...
तेरे दर का जो सेवक मैं बन जाऊंगा,
तो इस भव के सागर से तर जाऊंगा,
मुझे मुक्ति मिल जायेगी माँ यहाँ,
इस आवागमन से मैं छुट जाऊंगा,
जो देखूँ तुझे माँ, वो नज़र चाहिए, माँ तू चाहिए........
पंडित देव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानियां, सिरसा