खाटू में बैठा जो,
वो श्याम हमारा है,
निर्बल का साथी है,
हारे का सहारा है॥
इस बाग का माली ये,
और फूल है हम सारे,
खाटू से हम सब पर,
रखता है नजर प्यारे,
आता हर पल झट से,
आता हर पल झट से,
जब जिसने पुकारा है,
खाटू मे बैठा जो,
वो श्याम हमारा है॥
फरियादी आते है,
फरियाद सुनाते है,
गुमनाम जो थे अब वो,
प्रेमी कहलाते है,
आनंद में रहते वो,
आनंद में रहते वो,
देखे जग सारा है,
खाटू मे बैठा जो,
वो श्याम हमारा है॥
एक बार जो खाटू की,
गलियों में जा डोले,
फिर भूल के सब कुछ वो,
बस श्याम नाम बोले,
शिवम कहे श्याम धणी,
शिवम कहे श्याम धणी,
हमें जान से प्यारा है,
खाटू मे बैठा जो,
वो श्याम हमारा है....