तू तो हारे का सहारा है श्याम,
सब की अर्जी सुनते हो मेरे दानी श्याम,
मेरी कश्ती को किनारा देदो,
मैं भवर में फसा हु किनारा दे दो
तेरी शान निराली है तेरा रूप निराला है,
मन हुआ मतवाला है सुन मेरे श्याम आया खाटू धाम ये तो भूल न जाना,
तेरे भगतो की ये अरदास है,
आके दर्शन तो दो ये मन उदास है,
तू तो हारे का सहारा है श्याम
तेरे दर पे आये है सब ने शीश झुकाये है,
कुछ अभिलाषा लाये है,
सुने तू मेरी ओ मेरे सँवारे दुनिया से हम गबराये,
अब तो हमे भी तेरी आस है,
मेरे श्यामा हमे तुझपे ही विश्वाश है,
तू तो हारे का सहारा है श्याम
सिर पे मुक्त सुहाना है माथे तिलक निराला है ,
गल मोतियन की माला है कहता है कमल अब तो धुन में किरपा अपनी बरसना,
तेरे दर पे ये आया है कष्ट उसका सांवरे तुम्हे मिटाना है,
तू तो हारे का सहारा है श्याम