(तर्ज: चांदी जैसा रंग है तेरा)
दरबार लगा के बैठे बाबा देखो ना एक बार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार
दर - दर ठोकर खाई मैंने जब तेरे दर पर आया
सुख में साथ देता जग है दुख में है ठुकराया
तू ही करता हरदम बाबा चिंता को बेकार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार...
मोर छड़ी वाले तेरी मोर छड़ी लहरादे
मुश्किल ने घेरा श्याम झाड़ा एक लगादे
बैठे सामने मेरे बाबा फिर किसकी दरकार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार...
तू है चाबी हम है ताले सुन लो खाटू वाले
हार के जब भी आया लकी तू ही उसे संभाले
कृपा होगी तेरी बाबा खाटू ले आऊं परिवार
कब से तेरी और निहारु और करूं मनुहार...
lyrics - lucky Shukla