मैं खाटू जाऊंगा फागन को आने दो ॥
भक्तों की होंगी कतारें मेले की होंगी बहारें,
खाटू की गलियों में देखो बाबा के गूंजे जयकारे ।
अब मैं ना मानूंगा रींगस से चलकर मैं निशान उठाऊंगा ॥
फागण को...
देखो यह शान हमारी हम हैं बाबा के पुजारी,
खाटू में बैठा है बाबा जाएंगे बन के भिखारी ।
अब मैं ना मानूंगा मंदिर में जाके मैं निशान चढ़ाऊँगा ।।
फागण को...
फागण में रंग रस बरसे प्यासा मन मिलने को तरसे,
कहता है "गिरधर" सबसे आओ निकल चलें घर से ।
अब मैं तो जाऊंगा उसको रिझाऊंगा यह गीत गाऊंगा ॥
फागण को...
शब्द रचना एवं गायक:
गिरधर महाराज
9300043737