हमें श्याम अपना बनाना पड़े गा,
रो के पुकारो चाहे हस के पुकारू,
तुम को आना पड़े गा,
पहली बार देखा जबसे चैन आ गया है,
संवारा सा मुखड़ा तेरा दिल को भा गया है,
गले से लगा लो या फिर चरणों से लगालो साथी बनाना पड़े गा,
हमें श्याम अपना बनाना पड़े गा
जीकर तेरा जबसे मेरी जुबा पे हुआ है,
मशुर प्रेमी तेरा तबसे हुआ है,
हाथ ना छुड़ाना बाबा हमें ना भुलाना रिश्ता निभाना पड़े गा,
हमें श्याम अपना बनाना पड़े गा
संवारे कन्हिया को जान से तू प्यारा,
कसम कैसे खालू तू ने जीवन सवारा,
इतना भी सस्ता बाबा कैसे बनादू ये समजना पड़ेगा,
हमें श्याम अपना बनाना पड़े गा