सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी,
तारो न तारो ये है मर्जी तुम्हारी,
हम पे काया बीती कैसे बताये,
किस दौर से गुजरे कैसे सुनाये,
तुम को पता है हाल मुरारी,
सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी,
लाज पे आंच बाबा आने न पाये,
जाये तो जान जाये आन न जाये,
सारा ज़माना इस का शिकारी,
सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी,
लाज की बिक्शा झोली में देदो,
भटक रहा हु शरण में लेलो,
दर पे खड़ा है तेरा भिखारी,
सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी,
जो भी कहो गे वो ही करू गा,
जैसे रखो गे वैसे रहुगा,
तुझपे भरोसा मेरा है भारी,
सुनले कन्हियाँ अर्जी हमारी,