तू गोकुल का कान्हा है मैं बरसाने की राधा हु,
बात में तेरी मैं ना आउ जानके तेरी राधा हु,
तू काहे पीछे आता है मुरली बजा के सुनले कान्हा काहे मुझे सताता है,
मान मेरी राधा रानी तेरे बिना मैं आधा हु,
श्याम सवेरे बस तेरे ख्यालो में ही रहता हु मैं दिल में तुम्हे वसाया हु,
मुरली बजा के राधा मेरी बस तुमको भूलता हु,
लाख तू कोशिश करले कान्हा बात में तेरी मैं ना आउ,
तू छलियाँ है सुनले कान्हा गोकुल तेरी ना कान्हा,
छोड़ दूंगा मैं तुझे सतना सुन ले मेरी राधा तू,
मैं तुमसे करता वाधा हु
मुरली बजा के राधा मेरी बस तुमको भूलता हु,
सूरत से तू भोला भाला मन से है बड़ा काला तू,
नैनो से मेरे मन को छेड़े चाल चले मत वाला तू,
तेरे बिना मैं मर जाऊ गा माफ़ी देदो राधा तू,
मैं तुमसे करता वाधा हु,
मुरली बजा के राधा मेरी बस तुमको भूलता हु,