बस इतनी तमन्ना है, बस इतनी तमन्ना है,
श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं ।
सर मुकुट सुहाना हो, माथे तिलक निराला हो,
गल मोतियन माला हो, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं...
कानो में हो बाली, लटके लट घुंघराली,
तेरे अधर पे मुरली हो, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं...
बाजू बंद बाहों पे, पैजनियाँ पाओं में,
होठों पे हसी कुछ हो, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं...
दिन हो अँधेरा हो, चाहे शाम सवेरा हो,
सोऊँ तो सपनो में, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं...
चाहे घर हो नंदलाला, कीर्तन हो गोपाला,
हर जग के नज़ारे में, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं...
कहता है कमल ए कृष्ण, सौगात मुझे यह दे,
जिस और नज़र फेरूँ, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं...