मधुबन गाय चरावत कान्हा:
मधुबन गाय चरावत कान्हा,
मोर मुकुट पीत बसन मुरलिया,
कोटि सत काम लजावत कान्हा,
मधुबन गाय चरावत कान्हा------
खेलत कूदत बंशीवट छैयां,
संग ग्वालन धूम मचावत कान्हा,
मधुबन गाय चरावत कान्हा------
धन्य धन्य बड़ भागी गइयन,
मुरली मधुर सुनावत कान्हा,
मधुबन गाय चरावत कान्हा-----
ग्वाल बाल संग धूरि उड़ावत,
सांझ परे घर आवत कान्हा,
मधुबन गाय चरावत कान्हा-----
मातु चुमत मुख लेत बलैया,
सुर मुनि हियँ हर्षावत कान्हा,
मधुबन गाय चरावत कान्हा-----।।
रचना आभार: ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी