अजब करिश्मा हमने देखा श्याम तेरे दरबार में,
बदल ते देखा क्रम का लेखा शयाम तेरे दरबार में,
अजब करिश्मा हमने देखा श्याम तेरे दरबार में,
समय से पहले भाग से ज्यादा कभी किसी को मिला कहा,
लेकिन मिलते देखा हमने मेरे सँवारे तेरा याहा,
देखि बदल ती हाथो की रेखा श्याम तेरे दरबार में,
बदल ते देखा क्रम का लेखा शयाम तेरे दरबार में,
निर्धन को धन निर्बल को बल दुर्लभ को मिलती शक्ति,
मिले यहाँ हारो को सहारा भक्तो को मिलती भक्ती,
रंक को राजा बन ते देखा श्याम तेरे दरबार में,
बदल ते देखा क्रम का लेखा शयाम तेरे दरबार में,
हे सावरिया सेठ तेरी ये गज़ब की जादूगरी देखि,
देते नजर कभी आये न झोली मगर भरी देखि,
सुनी गोद को भरते देखा हमने पहली बार में,
बदल ते देखा क्रम का लेखा शयाम तेरे दरबार में,