असी बचड़े हाँ तेरे माँ तू दयाल रही माँ,
असी जदो जिथे जाइये साढ़े नाल रही माँ,
सदी हर जगह करी देख भाल रही माँ,
असी जदो जिथे जाइये साढ़े नाल रही माँ,
साडा कदे भी न साथ किते छड़ी माये नी,
साहनु भूल के भी दिलो न कड़ी माये नी,
हथ सिर ते फेर करदी निहाल रही माँ,
असी जदो जिथे जाइये साढ़े नाल रही माँ,
सदा खुल के दुःख सुख फोलन दई माँ,
साड़े कदे भी भरोसे नु न ढोलन दई माँ,
साड़ी निगहा वाली करदी बेमिसाल मेरी माँ,
असी जदो जिथे जाइये साढ़े नाल रही माँ,
सहनु औखे पर्चे कदे भी न पाये माये नि,
ये पौने है ते आपे सुल्जाई माये नि,
माडे दिना दे तू रोक दी बुचाल रही माँ,
असी जदो जिथे जाइये साढ़े नाल रही माँ,
सहनु मुठी विच नही एह ज़माना चाहिदा,
तेरी निर्दोश किरपा दा खजाना चाहिदा,
पूरा एहो सडा करदी सवाल रही माँ,
असी जदो जिथे जाइये साढ़े नाल रही माँ,