म्हारे जागरण मे आइये तेरी ज्योत जगाई री,
तेरा हलवे का प्रसाद बनाया देवी माई री....
सुंदर सा दरबार री मैया भक्तों ने सजाया,
श्रद्धा से भगतो ने मैया फूलों का हार बनाया,
मन मोहन रूप बनाया चुनरी लाल उड़ाई री,
तेरा हलवे का प्रसाद बनाया देवी माई री....
भगत भगतणी मिलकै मैया दर तेरे पे आये,
ध्वजा नारियल फल मैया माँ मेरी भेट है ल्याए,
कोई नाच रहा कोए गावै भवन मैं धूम मचाई री,
तेरा हलवे का प्रसाद बनाया देवी माई री...
कोए पुकारे जगदम्बे कोए कहता पहाड़ोवाली,
वैष्णो माता कह के बोले कोई गुडगामें आली,
मेरी मैया शेरावाली सबके मन मैं समाई री,
तेरा हलवे का प्रसाद बनाया देवी माई री....
गुरु दयाचंद शाम सवेरे जपता मेरी माला,
कोयल की ज्यूँ भजन सुणावे टोनी करे उजाला,
यो रामभगत भी तेरी करता कविता ई री,
तेरा हलवे का प्रसाद बनाया देवी माई री....