कैसे करू माँ कैसे करू माँ तेरी विधाई मैं कैसे करू माँ
सुना हो जाएगा मेरा अंगनाा,
तेरे अंचल की छाओ कभी छूटे न,
कैसे करू माँ कैसे करू माँ तेरी विधाई मैं कैसे करू माँ
अपनी संतान को तो गोदी दे हटाए माँ,
कैसे भवानी तू ये दुखड़ा बुला
तू चाहे माँ ये रीत माने मैं तो मानु न,
कैसे करू माँ कैसे करू माँ तेरी विधाई मैं कैसे करू माँ
नो दिन जुला के पलको का जुलना,
अब के वर्ष न मैया ऐसे चलना,
छीनो न बचो की आँखों का सपना,
कैसे करू माँ कैसे करू माँ तेरी विधाई मैं कैसे करू माँ
जन्मो जन्म के ये कर्मो के फेरे है ,
दुनिया में रस्मो के ऐसे ही गेरे है,
कब कहा किस कोई बिछड़े कोई जाने न,
कैसे करू माँ कैसे करू माँ तेरी विधाई मैं कैसे करू माँ